Last Updated on 14/06/2023 by S.R. Verma
यदि आपकी Income 10.5 लाख रुपये तक है और फिर भी आप चाहते हैं कि आपका Income Tax शून्य हो जाये तो यह पोस्ट आपके लिए ही है | यहाँ पर हम आपको बताएँगे की Tax on income up to 10.5 lakh को शून्य या Zero कैसे लायें| अर्थात हम यहाँ पर आपको बताएँगे कि 10.5 लाख तक की इनकम पर टैक्स कैसे बचाएं और अपने टैक्स को बिल्कुल जीरो कर दें| पूरी जानकारी के लिए इस पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़ें|
10.5 लाख तक की इनकम पर टैक्स कैसे बचाएं?
यहाँ पर हम आपको स्टेप बाई स्टेप बताएँगे कि Tax on income up to 10.5 lakh को शून्य या Zero पर कैसे लायें
1. अपनी कुल आय में स्टैण्डर्ड डिडक्शन के 50000 रुपये कम कर दे
अपनी टोटल इनकम में मिलने वाले Standard Deduction के 50000 रूपये कम कर दें या घटा दें जैसा निचे दिखाया गया है
Total Income- Rs. 1050000/-
Standard Deduction- Rs. 50000/-
Balance Income- Rs. 1000000/-
यदि किसी को वर्दी भत्ता प्राप्त होता है तो स्टैण्डर्ड डिडक्शन के बाद उसे भी यहाँ पर घटा सकता है| तो Net Income और कम हो जाएगी
2.आयकर की धारा 80C के अंतर्गत मिलने वाली रु. 1.5 लाख तक की छूट को घटा दे
हम यह मानकर चलते हैं कि आपने आयकर की धारा 80C के अंतर्गत मिलने वाली रु. 1.5 लाख की छूट की लिमिट को पूरा कर लिया होगा| अब स्टैण्डर्ड डिडक्शन के बाद बची कर योग्य आय में 1.5 लाख कम कर दे|
Balance Income= Rs. 1000000/-
Deduction u/s 80C= Rs. 150000/-
Now Balance Income= Rs. 850000/-
यदि आप जानना चाहते हैं कि 80C के अंतर्गत कहाँ कहाँ निवेश करके टैक्स बचाया जा सकता है तो नीचे दिए गए आर्टिकल को जरुर पढ़ें
3. आयकर की धारा 24 के अंतर्गत होम लोन के इंटरेस्ट पेमेंट पर मिलने वाली छूट को कम करें
आयकर की धारा 24B के अंतर्गत होम लोन के इंटरेस्ट पेमेंट पर अधिकतम 2 लाख रुपये तक की छूट मिलती है जिसे हम यह मानकर चलते हैं की आपने होम लोन पेमेंट के अंतर्गत 2 लाख रूपये तक का इंटरेस्ट का भुगतान किया है| इस 2 लाख रपये को भी बैलेंस इनकम में कम कर दें
Balance Income= Rs. 850000/-
Deduction u/s 24b= Rs. 200000/-
Now Balance Income= Rs. 650000/-
4. आयकर की धारा 80 CCD(1 b) के अंतर्गत NPS में अतिरिक्त पैसे जमा करके 50,000/- रूपये तक की छूट प्राप्त की जा सकती है|
आयकर की धारा 80 CCD(1b) के अंतर्गत NPS में अतिरिक्त निवेश करने पर अधिकतम 50000/- रूपये तक की अतिरिक्त छूट प्राप्त होती है| इसलिए हमें इस छूट का भी लाभ उठाना होगा और NPS में अतिरिक्त 50 हजार रुपये जमा करना होगा |
यहाँ बहुत सारे लोगो को एक confusion होता है कि क्या 80 CCD(1b) के अंतर्गत मिलने वाली छूट 1.5 लाख की मिलने वाली छूट के अंतर्गत ही आता है या उसके अतिरिक्त होता है?
तो मैं आपलोगों को बताना चाहूँगा कि 80 CCD(1b) के अंतर्गत मिलने वाली छूट 1.5 लाख की मिलने वाली छूट के अतिरिक्त होती है और 80 CCD(1b) के अंतर्गत मिलने वाली छूट का लाभ लेने के लिए आपको NPS खाते में अतिरिक्त पैसे अपनी तरफ से जमा करने होंगे|
सैलरी में काटे गए NPS के पैसे 80 CCD(1b) के अंतर्गत काउंट नहीं किये जायेंगे| सैलरी में काटे गए NPS के पैसे 80 CCD(1) के अंतर्गत काउंट किये जायेंगे और सैलरी में कटे गए ये पैसे भी 1.5 लाख की लिमिट में आते हैं|
यहाँ आपको बताना चाहेंगे कि old पेंशन वाले लोग भी NPS में पैसे जमा कर सकते हैं| इसके लिए उन्हें कही जाने की जरुरत नहीं है यह काम भी ऑनलाइन ही घर बैठे हो जायेगा उन्हें NPS की वेबसाइट में जाना होगा और वहां पर अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा | रजिस्ट्रेशन होने के बाद उन्हें PRAN (Permanent Retirement Account Number) मिल जायेगा और अब आप NPS में निवेश कर सकते हैं|
Balance Income= Rs. 650000/-
Deduction u/s 80CCD(1b)= Rs. 50000/-
Now Balance Income= Rs. 600000/-
5. आयकर की धारा 80D के अंतर्गत अपने परिवार तथा माता-पिता के लिए मेडिकल इंश्योरेंस लेकर टैक्स में छूट प्राप्त कर सकते हैं|
आयकर की धारा 80 D के अंतर्गत आप यदि अपने तथा अपनी फैमिली के लिए मेडिकल इंश्योरेंस लेते हैं तो 25000/- तक की छूट प्राप्त होती है वहीँ यदि आप अपने माता-पिता (जो 60 वर्ष से कम के हैं) के लिए भी मेडिकल इंश्योरेंस लेते हैं तो 25000/- तक की छूट उनके लिए भी प्राप्त होगी | कुल मिलाकर 50000/- रुपए तक की छूट प्राप्त की जा सकती है|
वहीँ अदि माता -पिता वरिष्ठ नागरिक है यानि कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के हैं तो उन्हें 50000/- रुपये तक की छूट प्राप्त होती है| इस प्रकार से आपको और माता-पिता का मिलकर कुल 75000/- रुपये की छूट प्राप्त होगी| यहाँ पर यह ध्यान देने वाली बात है कि यह छूट तभी प्राप्त होगी जब आप इतना प्रीमियम भरेंगे|
Balance Income= Rs. 600000/-
Deduction u/s 80D= Rs. 50000/-(parents are below 60)
Now Balance Income= Rs. 550000/-
6. आयकर की धारा 80E के अंतर्गत एजुकेशन लोन के इंटरेस्ट का पेमेंट करके टैक्स छूट
आयकर की धारा 80 E के तहत यदि आपने अपने पढाई के लिए एजुकेशन लोन लिया था और अब उसका भुगतान कर रहे हैं तो एजुकेशन लोन के रीपेमेंट पर जो इंटरेस्ट लगता है उसकी पूरी छूट मिलती है| यानि की इंटरेस्ट पर छूट की कोई सीमा नहीं है| हम यह मानकर चलते हैं की आपने 50000/- रुपये इंटरेस्ट के रूप में पेमेंट किये होंगे
Balance Income= Rs. 550000/-
Deduction u/s 80E= Rs 50000/-
Now Taxable income= Rs. 500000/-
7. 5 लाख या कम की इनकम पर आयकर की धारा 87 A के अंतर्गत Rebate
चूँकि 2.5 लाख से 5 लाख तक की आय पर 5% का टैक्स लगता है यदि आय 5 लाख रूपए से अधिक है तो | किन्तु यदि 5 लाख रूपए से कम है तो उस पर आयकर की धारा 87 A के अंतर्गत 5% की रिबेट (छूट) मिल जाती है|
अब चूँकि हमारी कुल कर योग्य आय 5 लाख रुपये है, हमें आयकर की धारा 87 A के अंतर्गत 12500 रूपये तक की छूट मिल जाएगी और हमारा टैक्स शून्य हो जायेगा|
इस प्रकार से दोस्तों आप भी अपना टैक्स बचा सकते हैं| ऊपर दिए गए प्रावधानों के अतिरिक्त भी कई प्रावधान है जिनसे आप अपना टैक्स बचा सकते है| उन सभी के बारे में जानने के लिए निचे दिए गए आर्टिकल को जरुर बढ़ें
Tax Saving options beyond Section 80C | 80C अतिरिक्त कहाँ-कहाँ निवेश करके आयकर बचा सकते है?
अन्य टैक्स सेविंग आप्शन जिनके माध्यम से आप टैक्स बचा सकते है और जिनकी चर्चा हमने ऊपर नही किया है-
- यदि आप किराये के माकन में रहते है और HRA आपको सैलरी में मिलता है तो आयकर की धारा 10(13A) के अंतर्गत भी आप अपना टैक्स बचा सकते है|
- यदि आप दिव्यांग है और आपकी disability 40% से अधिक है तो आयकर की धारा80 U के अंतर्गत 75000/ रुपये तक वहीँ यदि विकलांगता 80% से अधिक है तो 1.25 लाख तक का अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन प्राप्त होता है
- यदि किसी के डिपेंडेंट बच्चे या माता-पिता विकलांग है तो उस केस में भी टैक्स payer को उपरोक्त छूट प्राप्त होंगी आयकर की धारा 80DD के अंतर्गत|
- यदि टैक्स payer या उसका फॅमिली मेम्बर किसी Specified बीमारी से ग्रसित हो जाता है जैसे Malignant Cancer, Chronic Renal Diseases, AIDS, Hematological ailments, neurological Diseases, Dementia, Motor Neuron disease आदि तो आयकर की धारा 80DDB के अंतर्गत 40000/- तक की अतिरिक्त छूट प्राप्त होती है (यदि टैक्सपेयर 60 वर्ष से कम उम्र का है) यदि 60 वर्ष से अधिक का टैक्सपेयर है तो इस केस में 1 लाख तक की छूट प्राप्त होती है|
- यदि आपको अपने सेविंग बैंक खाते में ब्याज प्राप्त होता है तो वह भी कर योग्य होता है किन्तु आयकर की धारा 80TTA के अंतर्गत 10000 रूपए तक के ब्याज पर टैक्स छूट (टैक्सपेयर यदि 60 वर्ष से कम का है) तथा 80 TTB के अंतर्गत 50000/- रुपये के ब्याज पर टैक्स प्राप्त होती है|(यदि टैक्सपेयर वरिष्ठ नागरिक है तो)
- आयकर की धारा 80G के अंतर्गत किसी specified संस्थान को दान देकर भी आप टैक्स की बचत कर सकते हैं|
- आयकर की धारा 80EEB के अंतर्गत, Electric Vehicle खरीदने के लिए, लिए गए लोन के ब्याज (Interest) पर 1.5 लाख रुपये तक की कटौती प्राप्त की जा सकती है|
उम्मीद है जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके काम आएगी| अभी नहीं तो आगे काम आयेगी| यदि कुछ न समझ में आये तो जरुर बताये और कमेंट करके अपने विचार जरुर दे|
धन्यवाद
S.R. Verma