Last Updated on 25/12/2023 by S.R. Verma
पीपीएफ अकाउंट के नुकसान जानने से पहले यह जानना बहुत जरुरी है कि PPF Account क्या है? इसके क्या नियम होते हैं?
पीपीएफ अकाउंट क्या है?
पीपीएफ यानि Public Provident Fund एक छोटी बचत योजना है| जो सरकार द्वारा चलायी जाने वाली एक बहुत बढियां Tax Efficient योजना है| खाताधारक को इसमें हर साल कम से कम 500/- रुपये का निवेश करना जरुरी होता है और एक साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपये ही इस PPF योजना में जमा किया जा सकता है| सरकारी या Private Sector में नौकरी करने वाले लोगों के लिए PPF बहुत बढियां Tax Saving Option है| लगभग सभी कर्मचारियों का PPF Account होता है|
इसके साथ ही जो लोग नौकरी नहीं भी करते हैं और अपना Business करते हैं वह लोग भी PPF Account खुलवा कर रखतें है और उसमे Invest करते हैं| क्योंकि पीपीएफ अकाउंट के बहुत सारे फायदे है| जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता हैं|
तो अब जानतें है कि पीपीएफ अकाउंट के नुकसान क्या-क्या हैं जिन्हें ध्यान में रखकर किसी को भी PPF Scheme में Investment करना चाहिए|
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पीपीएफ अकाउंट के नुकसान
पीपीएफ अकाउंट के कुछ प्रमुख नुकसान (nuksan) निम्नलिखित है जिन्हें ध्यान में रखकर किसी को भी PPF में निवेश करना चाहिए
1. परिवर्तनीय ब्याज दरें
पीपीएफ में मिलने वाली ब्याज दरें स्थिर नहीं होती हैं यह हर तीन महीने में सरकार द्वारा परिवर्तित की जा सकती हैं| PPF की Interest Rate का निर्धारण Bond Yield के आधार पर होता हैं| तो सरकार उसी का अनुसार हर तिमाही में पीपीएफ की ब्याज दरों की समीक्षा करती है और जरुरी होने पर उन्हें परिवर्तित करती है| इसलिए पीपीएफ की ब्याज दरें पूरी तरह से सरकार पर निर्भर हो जाती हैं कि कब बढाया और घटाया जाना है| अर्थात पीपीएफ की ब्याज दरें पूरी तरह से स्वतन्त्र नहीं हैं| वर्तमान में PPF में 7.1 % का interest rate मिल रहा है|
2. PPF में लम्बी लॉक-इन अवधि का होना
यदि आप PPF में पैसा जमा करते हैं तो आप को पता होना चाहिए कि पीपीएफ में 15 साल की लॉक-इन अवधि है अर्थात 15 वर्ष से पहले आप पीपीएफ से पैसे नहीं निकाल सकते हैं | यह पीपीएफ का एक बहुत बड़ा नुकसान है| कुछ विशेष परिस्थितियों में ही पीपीएफ से आंशिक निकासी की जा सकती है| जब कि इससे कम लॉक इन अवधि के बहुत सारे विकल्प बाजार में उपलब्ध है तो PPF Account के जितना Interest देने में भी सक्षम हैं और लॉक इन अवधि भी कम है| जैसे- किसान विकास पत्र में वर्तमान में 7.5% का Interest Rate मिल रहा है और इसे 2.5 साल के बाद कभी भी en-cash कराया जा सकता है| 5 साल की NSC (National Saving Certificate) में वर्तमान में 7.70% का सालाना ब्याज मिल रहा है और इसमें सिर्फ 5 साल का ही लॉक इन पीरियड है|
3. PPF की lock-in period के बराबर समय तक अन्य उपलब्ध विकल्पों में निवेश करके PPF की अपेक्षा बहुत अधिक रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है|
PPF की लॉक-इन अवधि 15 साल की है और यदि कोई निवेशक इतने लम्बे समय तक किसी Equity Linked Schemes में पैसा लगाता है तो उसे PPF की अपेक्षा दोगुना रिटर्न प्राप्त हो सकते हैं| जैसे यदि कोई म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Fund) में लम्बे समय तक के लिए पैसा लगाता है तो उसे पीपीएफ की अपेक्षा काफी अच्छे रिटर्न प्राप्त होने की पूरी सम्भावना है| चूँकि इक्विटी में रिस्क अधिक होता है इसलिए यहाँ रिवॉर्ड भी निवेशक को अधिक ही मिलता है| PPF जैसी योजना के रिटर्न को आसानी से बीट किया जा सकता है| यह पीपीएफ अकाउंट के नुकसान में अहम् रोल अदा करता है|
4. यदि महीने की 5 तारीख के बाद PPF Account में पैसे जमा किये तो उस पैसे पर उस महीने कोई ब्याज नहीं मिलेगा
कुछ लोग PPF Account में हर महीने Invest करते हैं और कुछ लोग साल भर में एक दो बार अपनी आय के आधार पर करते हैं| तो यदि आप पीपीएफ अकाउंट में महीने की 5 तारीख के बाद पैसे जमा करते हैं तो आपको उस पैसे पर उस महीने ब्याज नहीं मिलेगा| यह भी एक पीपीएफ का नुकसान है कि यदि महीने की 6 तारीख को पीपीएफ खाते में पैसे जमा किये गए तो उस महीने पूरे 25-26 दिन तक हमारा पैसा बैंक या पोस्ट ऑफिस में निष्क्रिय पड़ा रहता है और उस पर कोई रिटर्न नहीं मिलता है| वहीँ यदि कोई म्यूच्यूअल फण्ड में पैसा लगाता है तो जिस दिन पैसा लगाया जाता है उसे उस दिन की NAV के आधार पर यूनिट्स allot कर दी जाती हैं|
5. प्रत्येक वर्ष न्यूनतम निवेश की शर्त
पीपीएफ खाते में प्रत्येक वर्ष कम से कम रु.500/- जमा करना अनिवार्य है अन्यथा आपका पीपीएफ खाता निष्क्रिय हो जाता है| और पुनः चालू करवाने के लिए Rs. 50/- पेनाल्टी देनी पड़ती है और साथ ही उस साल का एक वर्ष का न्यूनतम Rs. 500/- जमा करने पड़ते हैं| किन्तु यदि आप किसी म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करते हैं तो सालाना न्यूनतम जमा जैसी कोई परेशानी नहीं होती है और आपका पोर्टफोलियो एक्टिव(सक्रिय) रहता है|
6. साल भर में अधिकतम 1.5 लाख रुपये के निवेश की शर्त
PPF Account ke Nuksan में यह एक महत्व पूर्ण बिंदु है कि आप PPF account में एक साल में Rs. 1.5 लाख ही जमा कर सकते है और यदि गलती से आपने 1.5 लाख रूपए से अधिक जमा कर दिया तो आपको उस अधिक जमा किये गए पैसे पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा|
7. एक से अधिक खाते नहीं खोले जा सकते हैं|
यदि आप ये सोंचें कि एक PPF Account SBI बैंक में और एक बैंक ऑफ़ बरोदा में खुलवा लूँ तो ऐसा नही हो सकता है क्योंकि पीपीएफ खाता एक से ज्यादा बार नहीं खुलवाया जा सकता है| 15 वर्ष बाद परिपक्व (meture) होने पर उस खाते को अगलें पांच (5) वर्ष के और बढाया जा सकता है किन्तु नया खाता नहीं खोला जा सकता है|
8. पीपीएफ का संयुक्त खाता (joint Account) नहीं खोल सकते हैं|
पीपीएफ अकाउंट को संयुक्त रूप में नहीं खुलवाया जा सकता है| जैसे यदि पति और पत्नी चाहे कि हमारा एक संयुक्त पीपीएफ अकाउंट (Joint PPF Account) खुल जाये तो ऐसा नहीं हो सकता है| PPF Account इंडिविजुअल का या किसी कंपनी या संस्था का हो सकता है किन्तु संयुक्त रूप में नहीं हो सकता है|
9. Minor के नाम पर खोले गए पीपीएफ अकाउंट और गार्जियन के नाम पर खुले पीपीएफ अकाउंट पर अलग-अलग 1.5 लाख रुपये जमा करने की लिमिट नहीं मिलती है|
यदि कोई ब्यक्ति अपना PPF Account खुलवा रखा है और अब वह अपने छोटे बच्चे का भी पीपीएफ अकाउंट खुलवाता है तो अब उन दोनों को अलग-अलग 1.5 लाख रुपये की अधिकतम जमा की सुविधा नहीं मिलेगी बल्कि दोनों को संयुक्त रूप में ही 1.5 लाख रुपये की जो अधिकतम लिमिट रहेगी और एक साल में दोनों खातों में मिलकर अधिकतम 1.5 लाख रुपये ही जमा किये जा सकते हैं|
10. Discontinued खाते में जमा पैसे से लोन लेने और उस पैसे को निकालने की सुविधा नहीं मिलेगी|
यदि आपने अपने PPF Account में किसी कारणवस् पैसे जमा करना बंद कर दिया है तो आपको उस खाते में जमा पैसे से लोन लेने की सुविधा नहीं मिलेगी और उस पैसे की आंशिक निकासी भी नहीं की जा सकेगी जब तक कि खाते को पुनः चालू नहीं किया जाता है और पेनाल्टी तथा न्यूनतम पैसे जमा नही किये जाते हैं|
11. समय से पहले खाता बंद करने पर (Premature Closing) 1% कम ब्याज दिया जायेगा
यदि आप अपने पीपीएफ अकाउंट को किसी कारण से बंद करवाना (Premature Close) चाहते हैं तो आपको 1% कम ब्याज देकर आपका खाता बंद किया जायेगा | Premature Closing खाता खोले जाने के 5 साल बाद ही की जा सकती है| जैसे यदि अपने 2016 में अपना पीपीएफ का खाता खुलवाया था और नीचे बिंदु 8 में बताये गए किसी भी कारण से अपना खाता 2022 में बंद करवाना चाहते है तो आपको अभी तक जिस भी दर से ब्याज दिया गया है उसमे 1% कम करके आपके खाते में ब्याज का भुगतान किया जायेगा | जैसे यदि 7.1% की दर से ब्याज दिया गया था तो अब उसे 6.1% कर दिया जायेगा और उसी के अनुसार ब्याज की गणना की जाएगी और फिर ब्याज का भुगतान आपके खाते में किया जायेगा|
12. आप पर डिपेंडेंट अवयस्क बच्चों के ppf खाते में जमा पैसा आपकी 1.5 लाख की सीमा में गिना जायेगा
यदि आप अपने dependent पारिवरिक सदस्यों जैसे minor बच्चों के नाम पर खाता खोलते है तो उसमे जमा किया गया पैसा भी आपकी सालाना 1.5 लाख रुपए की सीमा में गिना जायेगा| यह पीपीएफ अकाउंट के नुकसान में काफी बड़ा नुकसान या विसमता है|
13. HUF और NRI अपना PPF खाता नहीं खुलवा सकते हैं
PPF के नियमों के अनुसार, HUF (Hindu Un-divided Family)और NRI (Non Resident Indian) अपना ppf का खाता नहीं खुलवा सकते हैं | यह भी PPF का नुकसान है|
पीपीएफ अकाउंट के नुकसान : Video
आप नीचे दिए गए विडियो से भी पीपीएफ अकाउंट के नुकसान के बारे में जानकारी ले सकते हैं|
Video credit goes to https://www.youtube.com/@VFORVINNOVATIVE youtube channel.
ऐसा नहीं है कि पीपीएफ के सिर्फ नुकसान ही हैं इसके फायदे भी बहुत सारे हैं | जिन्हें आपको जरुर पता होना चाहिए| यदि आप पीपीएफ में निवेश करने की सोंच रहे हैं या पहले से ही निवेश कर रहे हैं| आप नीचे दिए गए आर्टिकल के लिंक से पीपीएफ अकाउंट के फायदों के बारे में जान सकते हैं|
यह भी जानें : पीपीएफ अकाउंट के फायदे क्या क्या हैं? जिन्हें सभी निवेशकों को पता होना चाहिए
इस प्रकार से आपने जाना कि पीपीएफ अकाउंट के नुकसान क्या-क्या हैं ? आप भी यदि इसमें निवेश करते हैं तो आपको भी पीपीएफ के नुकसान के बारे में पता होना चाहिए?
PPF योजना के बारे में और अधिक जानकारी के लिए सरकारी वेबसाइट National Saving Institute पर जा सकते हैं | यहाँ पर आपको पीपीएफ के बारे में एकदम सटीक जानकारी मिलेगी और पूरी जानकारी मिलेगी|
पीपीएफ अकाउंट के नुकसान जानने के बाद आपके मन में ये सवाल जरुर आ रहा होगा कि पीपीएफ में निवेश करें या न करें| तो हमारा यह मनाना है कि ब्यक्ति को अपने पैसे कई जगह लगा कर रखना चाहिए यानि कि Diversified Investment करना चाहिए और Portfolio में कुछ हिस्सा PPF को भी देना चाहिए | यह आपके portfolio को Stability प्रदान करेगा| और सरकारी योजना होने के नाते इसमें कोई जोखिम भी नहीं रहता है| उम्मीद है आपको जानकारी अच्छी लगी होगी | अपने विचार और प्रश्न नीचे कमेंट करके जरुर बताएं| धन्यवाद
S.R. Verma