Last Updated on 06/08/2023 by S.R. Verma
Hello Investors!
दोस्तों Mutual Fund के बारे में बात करते हुए आपने बहुत सारे लोगो से सुना होगा कि Mutual Fund में निवेश करना अच्छा होता है| Mutual Fund में Investment कम जोखिम वाला होता है| और हाँ यह टैग लाइन अपने जरुर सुनी होगी कि Mutual Fund सही है!
तो दोस्तों आज हम बात करेंगे कि वास्तव में म्यूच्यूअल फण्ड क्या है हिंदी में यानि Mutual Fund in Hindi| क्योकि इसके बारें में अंग्रेजी में तो बहुत ज्यादा जानकारी मिल जाती है किन्तु हिंदी भाषी लोगो या अंग्रेजी न समझ पाने वाले या कम समझ पाने वाले लोगो के लिए दिक्कत होती है चीजों को सही ढंग से समझने में| इसलिए यह लेख उस कमी को पूरा करने के उद्देश्य से Hindi में लिखा गया है |
Mutual Fund in Hindi | Mutual Fund क्या है ?
Mutual Fund, कई सारे निवेशको द्वारा किसी खास उद्देश्य से इकठ्ठा किया गया Fund, कोष या पैसा होता है| जिसे उस म्यूच्यूअल फण्ड के प्रकार के आधार पर अलग-अलग जगह लगाया जाता है| इस पैसे को अलग-अलग जगह जैसे Share Market, Money Market में लगाने का काम जो करता है उसे फण्ड मेनेजर कहा जाता है| इस Fund Manager की नियुक्ति Mutual Fund House द्वारा की जाती है | जो Investment के क्षेत्र के विशेषज्ञ होते है|
हर प्रकार के Mutual Fund जैसे Equity Mutual Fund, Debt Mutual Fund, Hybrid Mutual Fund, Diversified Mutual Fund and ELSS Mutual Fund etc. का अपना अलग-अलग उत्द्देश्य होता है| फण्ड मैजेजर उन्ही उद्देश्यों और नियमो को ध्यान में रखकर अलग अलग निवेश विकल्पों में निवेश करते है| यह निवेश Stocks, Bonds, Gilt, Gold आदि में हो सकता है|
म्यूच्यूअल फण्ड में Fund Manager की भूमिका
फण्ड मैनेजर बाजार की स्थिति, अर्थब्यवस्था की स्थिति एवं अन्य कारकों जो शेयर बाजार को प्रभावित कर सकते है, को ध्यान में रखते हुए निवेश करते है| और कम जोखिम में अधिक रिटर्न देने की पूरी कोशिश करते है| साथ ही फण्ड मैनेजर इस बात का भी ध्यान रखता है कि यदि शेयर बाजार में गिरावट होती है| तो उनके द्वारा मैनेज फण्ड में कम से कम गिरावट आये|
म्यूच्यूअल फण्ड के सम्बन्ध में प्रयुक्त होने वाले Term या शब्द
यदि आप म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने के इइच्छुक है तो आपको mutual Fund में प्रयोग की जाने वाली शब्दावलियों को भी जानना बहुत जरुरी है| आइये जानते है कि म्यूच्यूअल फण्ड में क्या क्या शब्दावली या Term प्रयोग किये जाते हैं और उनके क्या मतलब हैं|
फण्ड मेनेजर (Fund Manager)
फण्ड मेनेजर किसी भी फण्ड के पैसे को मैनेज या प्रबंधित करते हैं| ये बाजार की स्थिति, अर्थब्यवस्था की स्थिति एवं अन्य कारकों जो शेयर बाजार को प्रभावित कर सकते है, को ध्यान में रखते हुए निवेश करते है| और कम जोखिम में अधिक रिटर्न देने की पूरी कोशिश करते है| साथ ही फण्ड मैनेजर इस बात का भी ध्यान रखता है कि यदि शेयर बाजार में गिरावट होती है| तो उनके द्वारा मैनेज फण्ड में कम से कम गिरावट आये|
Total Expense Ratio
Fund Manager के इस प्रबंधन कार्य के लिए एवं अन्य संबंधित प्रशासनिक खर्चो की पूर्ति के लिए फण्ड हाउस निवेशको से कुछ फीस लेता है| जिसे Total Expense Ratio (TER) कहते है| यह TER, फण्ड की AUM यानि Asset Under Management के आधार पर फण्ड हाउस निर्धारित करता है|
NAV (Net Asset Value)
Mutual Fund निवेशको को उनकी निवेशित राशि एवं वर्तमान NAV यानि Net Asset Value के आधार पर उस Mutual Fund की यूनिट्स आबंटित की जाती है| जैसे जैसे NAV बढ़ती है| निवेश का मूल्य भी बढ़ता है| निवेशक जब चाहे (फण्ड की प्रकृति के अनुसार) अपनी यूनिट्स को पूर्ण या आंशिक रूप से बेंच सकता है|
किन्तु लगभग सभी Equity Mutual Fund में एक वर्ष से पूर्व Mutual Fund यूनिट्स बेचने पर एक प्रतिशत (1%) का Exit Load देना पड़ता है| साथ ही 15% का Short Term Capital Gain Tax भी लगता है| इसलिए Mutual Fund में जब भी निवेश करें, लम्बे समय या एक वर्ष से अधिक के लिए करें| जिससे टैक्स का बोझ कम पड़ेगा||
जोख़िम (Risk in Mutual Fund in Hindi)
यह कहना सर्वथा अनुचित है कि Mutual Fund निवेश में जोखिम नहीं होता है| अर्थात Mutual Fund निवेश भी बाजार जोखिमो के अधीन होता है| और निवेश से पहले, निवेशक को निवेश से सम्बंधित सभी दस्तावेजो को ध्यान पूर्वक पढ़ना चाहिए |
किन्तु Mutual Fund में निवेश, डायरेक्ट Equity में निवेश की अपेक्षा कम जोखिम भरा होता है| क्योंकि Mutual Fund किसी एक शेयर या स्टॉक्स में निवेश नहीं करते है| यह एक से आधिक शेयरों के बण्डल में निवेश करते है| जिसमे सभी केटेगरी के शेयर हो सकते है| या किसी खास केटेगरी के अधिक शेयर हो सकते है|
mutual fund को मैनेज करने के लिए Professional Fund Manager और उनकी Team होती है| जो लगातार फण्ड की performance को जांचते रहते है| और बाज़ार की परिस्थितियों के अनुसार किस शेयर में निवेश करना सही है, का निर्णय लेते है|
यह भी जानें: Mutual Fund SIP क्या है ? SIP में निवेश कैसे करें ?
Mutual Fund के प्रकार or Types of Mutual Fund in hindi:-
म्यूच्यूअल फण्ड के प्रकार:-
Mutual Fund निम्न प्रकार के होते है-
- Equity Mutual Fund
- Debt Mutual Fund
- Index Fund
- Exchange Traded Fund
- Sector Fund
- Thematic Fund
- Hybrid Fund
- ELSS Mutual Fund
उपरोक्त सभी प्रकार के Mutual Fund in hindi के बारे में संछिप्त विवरण इस प्रकार है|
1. Equity Mutual Fund in hindi:
ऐसे Mutual Fund जो इक्विटी (Equity) में यानि Stocks/Shares में 65% से अधिक निवेश करते है| Equity Mutual Fund कहे जाते है| इस तरह के फंड में Large Cap Mutual Fund, Multi Cap Mutual Fund, Small Cap Mutual Fund, Mid Cap Mutual Fund and ELSS Mutual Fund etc. आदि आते हैं| ये फण्ड अधिक जोखिम के साथ अधिक रिटर्न देनें वाले होते हैं|
2. Debt Mutual Fund:
ऐसे फंड जो कारपोरेट बॉन्ड, गवर्नमेंट सिक्योरिटी, ट्रेजरी बिल, कमर्शियल पेपर तथा अन्य मुद्रा बाजार के इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं| Debt Fund कहलाते हैं| यह फंड निश्चित आय देने वाले इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं| जिससे निवेशकों को एक निश्चित आय मिलती रहे तथा साथ ही उनकी पूंजी भी धीरे-धीरे बढ़ती रहे। यह फंड Equity Mutual Fund की अपेक्षा कम जोखिम वाले होते हैं| तथा साथ ही कम रिटर्न भी देते हैं।
3. Index fund:
यह ऐसे Mutual Fund होते हैं| जिनमें निवेशक का पैसा इंडेक्स जैसे Sensex, Nifty 50, Nifty 200, Nifty 500, Bank Nifty आदि में लगाया जाता है| इंडेक्स के बढ़ने पर यह फंड की एनएवी भी बढ़ती है और घटने पर घटती है| इन फंड्स का पोर्टफोलियो इंडेक्स के पोर्टफोलियो के जैसा होता है| इन फंड के फंड मैनेजर को निवेशकों के पैसे को प्रबंधन करने में ज्यादा संसाधनों की जरूरत नहीं होती है| इसलिए इन फंड का TER (Total Expense Ratio) काफी कम होता है। इन फंड का रिटर्न इंडेक्स के रिटर्न के जैसा होता है|
4. Exchange Traded Fund (ETF):
यह ऐसे फंड होते हैं जो स्टॉक एक्सचेंज जैसे BSE या NSE में स्टॉक्स/शेयर के जैसे ट्रेड होते हैं| और इनका मूल्य ट्रेडिंग पीरियड में बदलता रहता है| जैसा कि अन्य Mutual Funds में नहीं होता है| अन्य Mutual Fund में पूरे दिन की ट्रेड के बाद एक NAV (Net Asset Value) निकाली जाती है| जो Mutual Fund House घोषित करता है। और वही उसका मूल्य होता है|
5. Sector fund:
ऐसे फंड जो किसी खास सेक्टर की कंपनियों में पैसा लगाते हैं Sector Fund कहलाते हैं| जैसे Banking Sector Fund, यह अपना निवेश बैंकों में ही करते हैं| ऐसे फंड उस पर्टिकुलर सेक्टर के बढ़ने पर अच्छा रिटर्न देते हैं|
6. Thematic Fund:
ऐसे फंड जो किसी क्षेत्र/ विषय के विकास से प्रभावित होने वाली कंपनियों पर निवेश करते हैं। जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, मैन्युफैक्चरिंग फंड इत्यादि| यह फण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर से सम्बंधित स्टॉक्स जैसे सीमेंट, स्टील, पॉवर, इत्यादि में निवेश करते है|
7. Hybrid Fund:
ऐसे फंड जो Debt और Equity दोनों में निवेश करते हैं Hybrid Fund कहलाते हैं| यह फंड कम जोखिम वाले होते हैं साथ ही रिटर्न भी सामान्य होता है| यह फंड कम जोखिम के साथ पूंजी बचाने एवं धीरे-धीरे पूंजी को बढ़ाने में मददगार होते हैं।
8. ELSS Fund (Equity Linked Saving Scheme Fund):
यह फंड Equity Mutual Fund का ही एक भाग है| किंतु यह उनसे थोड़ा सा भिन्न है क्योंकि इनमें निवेश करने से आयकर की धारा 80C के अंतर्गत आयकर में छूट मिलती है| अर्थात इन फंड में निवेश करने से निवेशक को आयकर में छूट मिलती है| इन फंड में 3 वर्ष का lock-in पीरियड होता है| 3 वर्ष से पहले इन फंड को बेचा नहीं जा सकता है| इन फंड का फायदा यह होता है कि यह Capital Appreciation के साथ-साथ आयकर की धारा 80C के अंतर्गत आयकर में छूट के योग्य होते हैं।
Mutual Fund में निवेश के फायदे:-
Mutual Fund in Hindi में निवेश के निम्न फायदे हैं-
1. Professional Management in Mutual Fund (in hindi):-
Mutual Fund में निवेश का एक सबसे बड़ा फायदा यह है कि हमारे पैसे को उस क्षेत्र के Professional मैनेज करते है| एक आम निवेशक को अपने पैसे मैनेज करने में बहुत दिक्कत और निर्णय गलत लेने के chances अधिक होते है|
2. Portfolio Diversification in Mutual fund (in hindi):-
हम सब यह जानते है कि निवेश में Diversification होना बहुत जरुरी है| जो हमारे जोखिम को कम करते है या जोखिम को मैनेज करने में बहुत सहायक होता है| Mutual Fund में पर्याप्त Diversification होता है| जो इसे एक अच्छा निवेश विकल्प बनता है|
3. Mutual fund में थोड़ी सी रकम से निवेश आरंभ :-
यह हम सब जानते है कि यदि हमे Real Estate / जमीन या प्लाट में निवेश करना है तो हमें एक साथ बहुत अधिक पैसे की जरुरत होती है| और इतने सारे पैसे एक साथ सभी के पास नहीं होते है| जिससे कि वह अपनी निवेश की यात्रा शुरू कर सके| किन्तु Mutual Fund में कोई भी मात्र रु.500/- से शुरुआत कर सकता है| और धीरे धीरे इसे बढ़ा कर एक अच्छा खासा Wealth Create कर सकता है|
4. Economy of Scale:-
Mutual Fund में निवेश करने पर निवेशक को Economy of Scale का फायदा मिलता है अर्थात (a) कम पैसे में ही Professionals की सेवाए मिल जाती हैं| (b) कम पैसे में ही हमे Diversification का फायदा मिल जाता है|
5. Liquidity in mutual fund (in hindi):-
जब भी आपको पैसे की अधिक जरुरत हो आप अपनी Units को Redeem यानि बेंच सकते है| और पैसे 3-4 दिन में आपके खाते में आ जाते है| Liquid Fund के केस में यह समय महज 1 या दो दिन का होता है| अर्थात Mutual Fund निवेश में Liquidity अपेक्षाकृत अधिक होती है|
Tip- यहाँ पर मेरी एक सलाह है कि जब भी आप Mutual Fund में निवेश करें तो लम्बे समय के लिए करें| और अपनी तात्कालिक जरूरतों के लिए अलग से पैसे बचा कर रखें|
6 6. Tax Benefit of Mutual Fund (in hindi):-
यदि आप Tax बचाने के साथ- साथ अपनी Wealth को भी बढ़ाना चाहते हो तो Mutual Fund में निवेश एक अच्छा विकल्प है| किन्तु यह ध्यान रखना होगा कि सिर्फ ELSS Mutual Fund में ही निवेश करने पर Tax में छूट मिलती है| यह छूट आयकर की धारा 80C के अंतर्गत रु.1.5 लाख की लिमिट के अन्दर ही मिलती है|
7. SIP के माध्यम से निवेश की सुविधा:-
दोस्तों SIP का मतलब होता है Systematic Investment Plan | यह निवेश करने का एक आधुनिक तरीका है| जिसमे निवेशक एक निश्चित राशि अपने चुने हुए Mutual Fund Scheme में हर महीने निवेशित करता है| और धीरे-धीरे लम्बे समय में एक अच्छा Wealth Create लेता है|
8. SEBI द्वारा Regulation:-
दोस्तों निवेश करते समय हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि, हम जिस भी Field में निवेश करने की सोंच रहे हैं वह किसी नियामक द्वारा Regulate किया जाता है कि नहीं| ऐसा होना इसलिए जरुरी है कि कहीं कोई घोटाला न हो सके और हमारा निवेश सुरक्षित बना रहे| Mutual Fund के सन्दर्भ में, यहाँ SEBI अपनी कड़ी निगरानी रखता है| जिससे कि कहीं कोई गड़बड़ न हो सके| और निवेशकों का पैसा सुरक्षित बना रहे|
अंततः Mutual Fund (Mutual fund in hindi) निवेश का एक बेहतर विकल्प है| जिसके द्वारा अपनी Wealth को बढाया जा सकता है| यह Direct Equity में निवेश की अपेक्षा कम जोखिम वाला होता है| अन्य उपलब्ध विकल्पों की अपेक्षा Mutual Fund में कम पैसे से निवेश शुरू किया जा सकता और अच्छा खासा return प्राप्त किया जा सकता है| एक आम निवेशक भी Mutual Fund में निवेश करके, कम जोखिम में, अपनी wealth को बढा सकता है|
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद!
S.R. Verma