अमेरिका की शोर्ट सेलर कंपनी Hindenburg Research ने अपनी दूसरी रिपोर्ट में सेबी प्रमुख पर बहुत ही गंभीर आरोप लगाए हैं | इससे पहले आपको बताते चले कि Hindenburg Research ने दिनांक 10.08.2024 को शाम में एक रिपोर्ट प्रकाशित किया है जिसके द्वारा माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर बहुत ही गंभीर आरोप लगाए गए हैं | इन आरोपों के कारण उन्हें अपने पद से इस्तीफा भी देना पड़ सकता है| इसके बाद भी मुश्किलें हो सकता है कम न हों|
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ये 3 गंभीर आरोप लगे हैं SEBI प्रमुख माधबी बुच पर
हिंडनबर्ग रिसर्च ने ये 3 गंभीर आरोप लगाए है SEBI प्रमुख माधबी बुच पर, जिसके कारण उन्हें अपने पद से भी हाँथ धोना पड़ सकता है-
- हिंडनबर्ग का पहला आरोप है कि 22 मार्च 2017 को माधबी बुच के पी धवल बुच ने मारीशस के फंड प्रशासन ट्राईडेंट ट्रस्ट को पात्र लिखा जिसमे उन्होंने अपने खातो का एकमात्र अधिकृत संचालक बनाए जाने का अनुरोध किया था और यह समय था उनकी पत्नी के सेबी सदस्य बनाने से पहले का |
- दूसरा आरोप लगाया है कि माधबी बुच के पास अप्रैल 2017 से मार्च 2022 तक अगोरा पार्टनर्स नाम की एक ऑफशोर सिंगापूर स्थित कंसल्टिंग फार्म में 100 फीसदी हिस्सेदारी थी उसी समय वह सेबी चीफ थी लेकिन रिपोर्ट में कहा गया की 16 मार्च 2022 को सेबी प्रमुख पद पर नियुक्ति के 2 हफ्ते बाद सभी शेयर अपने पति को ट्रान्सफर कर दिए|
- तीसरा आरोप लगाया है कि 2019 में धवल बुच को अमेरिका के प्रतिष्ठित निवेश प्रबंधन ग्रुप Blackstone में वरिष्ठ सलाहकार नियुक्त किया गया और उस समय माधबी बुच सेबी सदस्य के रूप में कार्यरत थीं| धवल बुच को इतना अहम् पद तब दे दिया गया जब उन्हें इस फील्ड का कोई अनुभव नहीं था| Blackstone Group द्वारा प्रायोजित दो IPO को सेबी ने मंजूरी दी| आरोप है कि धवल बुच के सलाहकार के तौर पर कार्यकाल के दौरान सेबी के नियमों में कई फेरबदल किये गए जिनका मकसद ब्लैकस्टोन फर्म को लाभ पहुँचाना था|
आरोपों पर बुच दंपति का जवाब
बुच दंपति ने अपने संयुक्त बयान में हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को ख़ारिज कर दिया है और कहा है कि उनका वित्तीय लेनदेन एक खुली किताब की तरह है जो हमेशा से सब के सामने है उन्होंने हिंडन बर्ग पर आरोप लगाया है कि हिंडनबर्ग को कारण बताओ नोटिस जरी किया गया था लेकिन अभी तक उसका कोई जवाब नहीं आया है| और सवालों का जवाब देने की बजाय वह खुद हमारे चरित्र हनन पर लगे हुए हैं|
निष्कर्ष
हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों में कितनी सच्चाई है यह तो आगे चलकर ही पता चल पायेगा किन्तु इससे share market पर भयंकर असर दिखने के आसार हैं| यदि बाजार गिरता है तो पैनिक में कोई निर्णय न ले, समझदारी से काम ले| इससे पहले भी एक बार इनकी रिपोर्ट आ चुकी है| और मार्किट पूरी तरह से रिकवर कर चुका है |