हिंडनबर्ग रिपोर्ट: क्या फिर से 2023 के जैसा Indian Share Market गिरेगा !

Last Updated on 11/08/2024 by S.R. Verma

Hinderburg Report (हिंडनबर्ग रिपोर्ट) ने दिनांक 10.08.2024 को एक रिपोर्ट प्रकाशित किया है| जो इस समय चर्चा में बनी हुई है कि क्या फिर से वर्ष 2023 के जैसे शेयर बाजार गिरेगा या जैसा चल रहा है वैसे ही चलता रहेगा क्योंकि वर्ष 2023 में जारी की गयी रिपोर्ट के अनुसार जाँच के बाद Adani Group को clean chit मिल गयी थी और अदानी ग्रुप के शेयर भी लगभग अपने पुराने स्तर पर आ गए है जैसे वे 2023 से पहले चला करते थे|

इस बार की Hinderburg Report ने SEBI प्रमुख श्रीमती माधवी पूरी बुच पर निशाना साधा है जिसमे उन पर आरोप लगाये गए है कि अदानी समूह की कंपनियों हेर-फेर के लिए इस्तेमाल किये गए अस्पष्ट आफशोर फण्ड में माधबी पूरी बुच और उनके पति धवल बुच की हिस्सेदारी थी|

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

इस बार इस रिपोर्ट में SEBI Chairperson Smt Madhabi Puri Buch पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि अदानी समूह की कंपनियों हेर-फेर के लिए इस्तेमाल किये गए अस्पष्ट आफशोर फण्ड में सेबी प्रमुख माधबी पूरी बुच और उनके पति धवल बुच की हिस्सेदारी थी| इसलिए सेबी प्रमुख ने मारीशस और ऑफशोर शेल संस्थाओं में कार्यवाही में रूचि नहीं दिखाई|

हिंडनबर्ग (Hindenburg) एक अमेरिकी short-seller कंपनी है| इस बार की रिपोर्ट में कंपनी ने व्हिसल ब्लोअर दस्तावेजो का हवाला देते हुए आरोप लगाया है कि अदानी समूह की कंपनियों में पैसे के हेर फेर के लिए इस्तेमाल किये गए दोनों ऑफशोर फण्ड में सेबी प्रमुख और उनके पति की हिस्सेदारी थी|

शेयर बाजार पर प्रभाव

पिछली बार हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी होते ही शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई थी इस लिए निवेशकों में भय का माहौल बना हुआ है कहीं सोमवार को मार्किट में फिर से गिरावट न आ जाए| पिछली बार Adani Group के शेयर्स में भरी गिरावट देखने को मिली थी | चूँकि अब अदानी ग्रुप की जाँच हो चुकी है और उसे clean chit मिल चुकी है तो इस बार Adani group के शेयर में पिछली बार के जैसे गिरावट बिलकुल नहीं होनी चाहिए | पिछली बार के जैसा इस बार शेयर बाजार भी इस रिपोर्ट में उतना react नहीं करने की उम्मीद है जितना पिछली बार हुआ था|

शेयर धारको को जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए, जिस प्रकार से पिछले स्तर से शेयर रिकवर हो गए है उसी प्रकार से आगे भी रिकवर हो जायेंगे इस लिए यदि गिरावट भी होती है तो घबराकर न बेंचे लम्बे समय के लिए होल्ड करें|

संभावित दीर्घकालिक प्रभाव

हिंडनबर्ग रिपोर्ट का असर दीर्घकालिक रूप से Adani Group की साख पर पड़ सकता है। निवेशकों के विश्वास में गिरावट से ग्रुप को अपने व्यापार में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। ग्रुप की वित्तीय स्थिति पर संदेह बढ़ सकता है, जिससे उनके लिए पूंजी जुटाना और कठिन हो सकता है। इस रिपोर्ट के कारण सभी प्रमुख को अपने पद से इस्तीफा भी देना पद सकता है और फिर जाँच भी बिठाई जा सकती है|

निष्कर्ष

हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने अदानी ग्रुप के निवेशकों के बीच विश्वास की दीवार को हिला दिया है। रिपोर्ट के खुलासे बाजार में व्यापक प्रभाव पड़ सकता है, और इसका असर आने वाले कुछ समय तक रह सकता है।

सुझाव

निवेशकों के लिए यह समय सतर्क रहने का है। और हड़बड़ी में कोई निर्णय न ले | यदि आपका अदानी ग्रुप में निवेश है तो भी घबराएँ नहीं अपने निवेश को लम्बे समय तक रखने पर विचार करें बजे इसके की घाटे में बेंच कर निकल जाएँ

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